25 मार्च को टफ्ट्स यूनिवर्सिटी की स्नातक छात्रा और मजदूर संघ SEIU की सदस्य रूमेसा ओज़्तुर्क को सार्वजनिक सड़क पर नकाबपोश संघीय आव्रजन अधिकारियों ने अगवा कर लिया। उनकी गिरफ़्तारी हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर एक स्पष्ट हमला है। रूमेसा तुर्की की रहने वाली हैं, उनके पास वैध छात्र वीज़ा था, लेकिन उन्हें गिरफ़्तार कर लुइसियाना के एक हिरासत केंद्र में ले जाया गया। क्यों? क्योंकि उन्होंने हाल ही में फ़िलिस्तीन के लोगों के समर्थन में छात्र समाचार पत्र में एक लेख लिखकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने पहले संशोधन के अधिकार का प्रयोग किया था।
हम तब भी चुप नहीं बैठेंगे जब हमारी आंखों के सामने संविधान के पहले संशोधन को आग के हवाले कर दिया जाएगा। और जब श्रमिकों का अपहरण किया जाएगा तो हम निश्चित रूप से चुप नहीं बैठेंगे।
इस पोस्टर को शेयर करके अपनी एकजुटता दिखाएं! हैशटैग के साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट करें #4the1st और टैग @SEIULocal509.
